इटावा चंबल नदी में युवक पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया। युवक ने मगरमच्छ से बचने के लिए काफी देर तक संघर्ष किया। संघर्ष करने के बाद मगरमच्छ से अपनी जान बचाई और खुद के कपड़े फाड़ कर घायल हिस्सों को बांधकर लगभग 600 मीटर चंबल की गर्म बालू में घिसटते हुए नदी से दूर पहुंच कर अपने आप को सुरक्षित किया, जब और चरवाहों ने इनको देख तो उनके घर पर सूचना दी, परिवारीजनों को जब सूचना मिली तो दौड़े दौड़े परिवारीजन आए और इन्हें चारपाई पर रखकर राजपुर सीएचसी पर ले गए, जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया
भैंस बकरी जानवरों को चराने गए थे,
आपको बता दें कि युवक जगत नारायण और भूरे उम्र 38 वर्ष पिता मूलचंद गाँव ख्यालीपुर पथर्रा थाना भरेह निवासी है जो कि मज़दूरी करता है।
इटावा जिले के चकरनगर में चंबल नदी के किनारे जानवरों को चराने गए थे, जगत नारायण को जब प्यास लगी तो वह चंबल नदी के किनारे पानी पीने लगे तभी जगत नारायण पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया। जगत नारायण ने मगरमच्छ से संघर्ष करते हुए मौत को मात देते हुए मगरमच्छ के जबड़े से अपने आप को बचाकर जगत नारायण ने खुद ही अपने कपड़ों को फाड़कर जख्मों को बांधकर गर्म बालू में घिसटते हुए लगभग 600 मीटर तक संघर्ष करते हुए आए, जब आस पास के लोगो ने उनको देखा तो उनके परिवारीजनों को सूचना दी परिवारीजनों ने इनको सीएचसी राजपुर ले गए जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया जहां पर अभी डॉक्टरों द्वारा उपचार जारी है।पुलिस ने सेंक्चुअरी विभाग को घटना की जानकारी दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जगत नारायण ने मगरमच्छ से बचने के लिए काफी देर तक संघर्ष किया।
पूरे मामले पर जिला अस्पताल के डॉक्टर
शिवम् राजपूत ने बताया कि किशोर पर मगरमच्छ द्वारा हमला किया गया है चंबल नदी के किनारे जानवरों को चराने गया था उसी समय मगरमच्छ द्वारा हमला किया गया अब जिला अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा उपचार किया जा रहा है